सोलह सिंगार किसी के लिए नहीं, मैंने खुद को संवारा है। सोलह सिंगार किसी के लिए नहीं, मैंने खुद को संवारा है।
प्रेम की संपूर्णता पाना अभी बाकी है। प्रेम की संपूर्णता पाना अभी बाकी है।
एकता में ही बल, संपूर्ण विश्व को, कोरोना तुमने सिखला दिया। एकता में ही बल, संपूर्ण विश्व को, कोरोना तुमने सिखला दिया।
कोई पूरण है....संपूर्ण है, कोई प्रेरक है......उत्प्रेरक है, कोई पूरण है....संपूर्ण है, कोई प्रेरक है......उत्प्रेरक है,
पुरुष और नारी से ही होती प्रकृति पूरी, दोनों से ही पूर्णता बिन किसी के अधूरी। पुरुष और नारी से ही होती प्रकृति पूरी, दोनों से ही पूर्णता बिन किसी के अधूरी।
दुविधा में तनिक भी न रहना है ये अपने भारत की प्रतिष्ठा का विषय मतदान करना रख के दृढ़ निश्चय दुविधा में तनिक भी न रहना है ये अपने भारत की प्रतिष्ठा का विषय मतदान करना ...